तो आखिर दिल्ली के उपद्रवियों पर भी क्यों ना लागू हो 'योगी फॉर्मूला'?

 



हाइलाइट्स: दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में भारी हिंसा के बीच एक हेड कॉन्स्टेबल की जान गई  जाफराबाद में 12 से ज्यादा गाड़ियों में उपद्रवियों ने लगाई आग, पेट्रोल पंप फूंका शाहदरा के डीसीपी भी हमले में घायल, अब 'योगी फॉर्मुला' की हो रही चर्चा. नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी है। उपद्रवी बेकसूर जनता को सीधे-सीधे निशाना बना रहे हैं। वे सरकारी संपत्तियों को भी नष्ट कर रहे हैं। जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों ने 12 से ज्यादा वाहनों को फूंक दिया। घोंडा में बस को जला दिया। भजनपुरा में पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने मौजपुर में दो घरों में भी आग लगा दी। उपद्रवियों ने हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की गोली मारकर हत्या कर दी। शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा भी हमले में चोटिल हो गए हैं। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से की भयानक तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्यों ना इन उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती बरती जाए। योगी ने बरती सख्ती और शांत हो गए थे उपद्रवी  सीएए के विरोध के नाम पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, बाराबंकी, मुरादाबाद, अलीगढ़ जैसे शहरों में भी हिंसा हो चुकी है। लखनऊ और मेरठ में तो प्रदर्शकारी ने सीधे-सीधे पुलिस पर आक्रामक होते दिखे थे। कुछ तस्वीरें तो ऐसी आईं जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये दुनिया के किसी हिंसाग्रस्त देश की है। ऐसे वक्त में जहां कुछ राजनेता उपद्रवियों से संयम बरतने की अपील कर रहे थे, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया। सीएम योगी ने सीधे-सीधे कहा कि वे विरोध करने की इजाजत देते हैं, क्योंकि यह अधिकार हमारा संविधान देता है, लेकिन विरोध के नाम पर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक सख्त प्रशासक के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों को खुली छूट दी कि वे उपद्रवियों से अपने हिसाब से निपटें। सीएम योगी ने दंगाइयों और दंगे के पीछे काम कर ही शक्तियों को कुचला, उसी का असर था कि 27 दिसंबर को जुमे के बाद प्रदेश के कई जिलों में हिंसा नहीं हो पाई। सीएए के विरोध के नाम पर बुलंदशहर में 20 दिसंबर को उन्मादी भीड़ ने कोतवाली देहात इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार की जीप जला दी थी। एक स्कूटी भी फूंक दी थी। पुलिस से लूटपाट भी हुई थी। जुमे की नमाज के बाद कोतवाली नगर में पहुंचे सभासद पति अकरम गाजी ने मुस्लिम समाज के अन्य लोगों के साथ डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी संतोष कुमार सिंह को नुकसान की भरपाई के रूप में छह लाख 27 हजार 507 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंप दिया। ऐसी ही कार्रवाई अन्य जिलों में भी की गई l कॉन्स्टेबल रतन लाल का क्या कसूर सीएम योगी ने साफ तौर से कहा कि पुलिस उपद्रवियों की लिस्ट तैयार करेगी और उनकी संपत्तियों को बेचकर सरकार को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। योगी के इस आदेश के बाद उपद्रव के आरोपियों की संपत्ति की कुर्की का दौर जारी है। इस कार्रवाई के बाद से उत्तर प्रदेश में विरोध के नाम पर हिंसा का दौर थम चुका है। उपद्रवी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से हिचक रहे हैं। CAA के विरोध के नाम पर जाफराबाद में हिंसा ऐसे में सवाल उठता है कि क्यों ना दिल्ली में भी ऐसी ही कार्रवाई की जाए। सीएए के विरोध के नाम पर जिस वक्त उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई थी, उसी दौरान दिल्ली में भी डीटीसी की बस जलाई गई थी। जगह-जगह सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, लेकिन उपद्रवियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। अब एक बार फिर से दिल्ली में उपद्रव का दौर जारी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सीएम योगी की तरह दिल्ली में भी क्यों ना उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जाए।