दिल्ली , दंगो की "ट्रम्प" चाल कहीं प्रचार हासिल करने का हिस्सा तो नहीं




 









 














नई दिल्ली  : उत्तर पूर्वी दिल्ली में आज  मंगलवार सुबह भी तनाव जारी है. हिंसा में अभी तक 7 लोगों की मौत हो गई है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आज सुबह मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं.
CAA के विरोध में कई दें से दिल्ली में प्रदर्शन चल रहा था जिसको ले लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है लेकिन अचानक इतने दिनों से शांत चलने वाला ये प्रदर्शन अचानक सांप्रदायिक तनाव में बदल गया और सांप्रदायिक तनाव हिंसा में ! दिल्ली में ये हिंसा तब शुरू हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पहुंच चुके थे. ट्रंप फिलहाल दिल्ली में हैं और मंगलवार रात तक यहीं रहेंगे. लेकिन बड़ा सवाल ये है की कही ऐसा तो नहीं की ये हिंसा एक साजिश का हिस्सा हो ताकि जो इसमें शामिल हैं, वे व्यापक प्रचार हासिल कर सकें. ट्रंप के दिल्ली में होने का मतलब दुनिया भर के मीडिया का दिल्ली में फोकस रहेगा अगर इस वक्त कोई भी घटना होगी तो उसे दुनिया भर में प्रचार मिल जायेगा दूसरी तरफ इन घटनाओ पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ट्रंप सेकहीं प्रचार  सवाल भी पूछे जा सकते है ! जिससे CAA के मुद्दे को अंतररास्ट्रीय स्तर उठाने में मदद मिल सके !
अगर क्रम वार देखे तो सबसे पहले  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे 22 फरवरी शनिवार को सीएए के विरोध में महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई. महिलाओं ने स्टेशन के नीचे एक तरफ की सड़क को जाम कर दिया और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. इससे उस इलाके में जाम की स्थिति बन गई जिसका लोगो ने विरोध शुरू कर दिया उसके बाद दोनों तरफ से पत्थर बाजी, फायरिंग  और आगजनी शुरू हो गई जिस प्रकार का पथराव किया गया है और जितने पत्थरों का स्टाक वहां पाया गया वो कई दिनों की तैयारी के बिना मुमकिन नहीं था ! उसके बाद एक के  एक भजनपुरा, मौजपुर, दयालपुर, गोकुलपुरी इलाको में हिंसा फैलती गई वो भी एक जाँच का विषय है !अब एक तरफ बीजेपी के नेताओ ने इस हिंसा की टाइमिंग को ले कर सवाल उठाने शुरू कर दिए तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने सरकार और दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाने शुरू कर दिये!बरहाल इसके पीछे जो भी लोग हो पर इस खूनी राजनीती ने 7 लोगो की बलि ले ली है !